Bhikhari par shayari भिखारी पर 100 + मजेदार  शायरी (सोच बदल जाएगी )

भिखारी पर शायरी, bhikhari par shayari, दोस्तों आपको हम इस आर्टिकल में भिखारी से संबन्धित अनेक प्रकार की शायरी देने वाले है। अगर आपके दिल में बिखारी के प्रति मान समान है या भिखारी के लिए दया है। या आपको भी लगता है भिखारी का भी मान सम्मान होता है तो। आपको इस आर्टिकल को पुरा पढ़ना चाहिए, आपको ऐसे ऐसे राज सुनने को मिलेंगे की जैसा आज तक आपने सोचा नहीं था । तो चलिये भिखारी से संबन्धित सायरी के बारे में जानते है…

हम भिखारी है जनाब , भीख मांगना हमारा पैसा है

चाहे कोई कितना भी हमे देते

फिर भी हमरा जीवन जैसा का तैसा है॥

—————————————–

इतना आसान नहीं है भीख मागना

कोई जलील करता है तो कोई ताने देता है

कोई अपने घर के आगे ना रोने देता है ना ही सोने देता है॥

Bhikhari par shayari भिखारी पर 100 + मजेदार  शायरी (सोच बदल जाएगी )

——————————————————

साहब भीख देना है तो दे दो जलील क्यों करते हो

अगर कोई लूटेरा तुमको लूट जाये फिर उसका सम्मान क्यों करते हो ॥

——————————–

कुछ भिखारी दिखने में दयालु होते है

कुछ बिखरी कृपालु होते है

कुछ भिखारी सच्चे दिल के और

कुछ भिखारी भीख के काबिल होते है॥

——————————————–

ए इंसान मत कर इतना अभिमान अपनी दौलत पर

एक दिन तुम भी मेरे तरह बिखरी होगा ।

ना रजेगा कूलर ना रहेगी एसी

हो जाएगी हालत बिन हरियार वाले शिकारी जैसी॥

bhikhari shayari

—————————————

हम भीख ना मांगे होते

अगर कई बार भूखे ना सोये होते ॥

————————————–

मेहनत करके हम भी खाते है

भीख के लिए घर घर जाते है ,

कोई गले लगता

है तो कोई दुतकारता है ।

सब दया रहम दिखते है हम पर

पर कोई भी हमारी जिदंगी नहीं संवारता है ॥

————————————————————-

कभी भीख ना मांगते अगर हम लाचार ना होते

हम भी मेहनत की रोटी खाते अगर हद से ज्यादा बिमार ना होते ॥

————————————

कौन दौसती करना छाता है बिखरियों से

सभी यही कहते है

डरके भीख मानते है जिम्मेदारियों से

साहब जीमेदारियों का अगर बोझ ना होता

तो भीख वाला किस्सा रोज ना होता ॥

bhikhari par shayari

——————————————-

काश ये जिंदगी बिखरियों जैसी हो जाये

का कुछ पाने का ख्वाब हो ना रोने का डर सताये

फिर से मेरी जिंगी फलों की खाली क्यारियों जैसी हो जाये ॥

—————————————

अच्छा नहीं लगता हमे भीख मांगना

पर क्या करें जनाब

खुदा ने मुझे बनाया ही कुछ ऐसा है ।।

————————————————–

अगर ऊपर वाले ने रहम किया होता तो हम भी आदमी बड़े होते है

ना किसी किसी की अलहीज पर ना किसी की ठोकरों में ना पड़े होते ॥

—————————————————

कई लोग सब कुछ होने के बाद भी भिखारी होते है

पर कुछ की मजबूरी होती है कुछ लाचारी होते है॥

———————————————–

अगर दिल में कुछ जुनून हो कुछ करने का

तो भीख मांगकर बड़ा कर सकते है

हर कोई बिखरी की लाचारी को बुरा समझता है

कोई भिखारी की मजबूरी को सोक समझता है

एक बार आकार तो देखो जनाब मेरी लाइन में

सारी अकाल ठिकाणे आ जाएगी॥

——————————————–

एक भिखारी है जो दिल से

क्यों डरते हो साहब

क्या लूटकर ले जाएगा

आपकी इस महफिल से

एक दरवरे पर रोकर जाते है

फिर दूसरे दरवाजे पर ठोकर खात है

बंधे हुए उम्मीद का नया पूल

उम्मीद लगाए हुए हम चलते जाते है॥

bhikhari shayari hindi

———————————————-

भीख पाने की उम्मीद हर किसी से की नहीं जाती है

बड़ी कठीण है भिखारियों की ज़िंदगी

इतनी आसनी से नहीं जीई जाती ॥

—————————————-

ना कुछ पाने की लालसा ना चोरी होने का डर

ज़िंदगी का कुछ ठिकाना या मौत का डर

ऐसी ही बीत जाती है भिखारियों की ज़िंदगी गुजर बसर

—————————————-

दिल में अगर प्यार हो तो दुआ काम करती है

नहीं जीनी लाचार जैसी ज़िंदगी हमे

ये हमे बहुत ज्यादा परेशान करती है॥

————————————————–

ज़िंदगी जीना हो तो हस्ङकर जियो

भले जींदगी भिखारियों जैसी ही क्यों ना हो

पर उसे मस्त होकर जियो

ना हमारे दिल में सुकून है

ना कोई जुनून है

हम भिखारी है जनाब

हमारे अंदर केवल दुवाओं का खून है॥

—————————————–

ज़िंदगी में एक बार भिखारी का भी एहसास लेकर देखो

जिस किचपिच ज़िदगी को छोडकर एकबार

खुली हवाओं में सांस लेकर तो देखो ॥

—————————————

रखा करों बिखरियों से नाता

पता नहीं कब पलट दे ऊपर वाला पता

हम रोडपती ठीक है हमे करना करोड़ों का

जीते है हम ठोकर भरी ज़िंदगी हमे क्या करना गद्दे सोड़ों का ॥

——————————————

अगर हम प्यार के शिकारी ना होते

तो आज हम भिखारी ना होते ॥

————————————–

दोस्तों ज़िंदगी बड़ा कठीण गेम खेलती है

हमारी जिदंगी तो कुछ नहीं है इनके आगे

ये तो भिखारियो से भी ज्यादा दर्द झेलती है॥

———————————————–

उसके सर पर एक अजीब सा जनून था

उसके दिल में एक सुकून था

कोई पैसे वाला नहीं था वह एक भिखारी था

पर दिखने में बड़ा ही मासूम था॥

————————————

सारे अपमान करते है उनका खुदगर्ज मर्द

मुंह से बया नहीं किया जाता भिखारियों का दर्द ॥

——————————————-

थक गए हैं हम भिखारियों को

भीख देते देते ,

क्या करें खुद खोखले हो गए हैं ,

यारों दर्द सहते सहते ।

—————————————

जहां पर हमे जगह मिले हम वही सो जाते है,

रात में बैठकर अकेले

वो भिखारी खुद में खो जाते है ॥

—————————————

भीख देने के लिए दिल में रहम चाहिए

दिल में उपर वाले के प्रति सहम चाहिए

कंजूष क्या देगा किसी को,

देने के लिए बड़ा दिल चाहिए॥

——————————————-

 बहुत से लोग दौलत से अमीर होते है

धन की जगह ज्ञान देते है पर हकीकत में वो दिल के गरीब होते है ॥

———————————–

जब भीख मांगो तो लोग ज्ञान देते है ।

उनको क्या पता जब भूख रोटी की होती है तो ज्ञान से पेट नहीं भरता

ज्ञान जब अच्छा नही लगता जब कोई भूख मारता॥

———————————

हाथ में कटोरा लेकर चलते है ।

दिल में उम्मीदों के चिराग लेकर चलते है

जितना मिलता है उतने में खुश रहते है ।

ऊपर वाले से है फरियाद लेकर चलते है॥

—————————————

भिखारी हूँ जनाब में कोई चोर नहीं

भूखा हूँ फिर भी कोई शोर नहीं

दिखने मे भले गंदा हूँ

पर मेहनत करता हूँ दिल से कोई कामचोर नहीं॥

———————————

निकलते है इस आस में

की एक वक्त की रोटी मिल जाये ।

मत करना हमे इतना जलील

भले ही हमे भीख छोटी मिल जाये ॥

———————————

ना हमारा कोई बंगला है

ना हमारी कोई जमीन है

जीते है चैन की ज़िंदगी है

हर दिन हमारा हसीन है॥

————————————–

ना हमारी कोई जमीन है , ना कोई अपना घर है

एक छोटा सा पेट और उस पर ये सर है॥

—————————————–

क्या वो लोग भिखारी की गरीबी दूर कर पाएंगे

जो अमीर होते हुए भिखारी की ज़िंदगी जी रहे है ।

दिखावटी में वो लोगों का भला कर रहे है

असल में में वो गरीबों का खून पी रहे है॥

——————————————-

हम भिखारी है जनाब हम नहीं दुत्कार से रूठने वाले है ।

हम तो अपने पेट के लिये जीते नहीं हम नहीं देश को लूटने वाले॥

———————————————

गिर जाये तो बह जाता है तरल

भिखारी का गुण होता है सोमय और सरल ॥

—————————————-

पानी ना दे तो कली नहीं खिलेगी  

बिना तेल के गाड़ी ना चलेगी

हम भिखरे है जनाब ,बिना दुवा दिये

हमे भीख ना मिलेगी॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to top